वक्फ कानून क्या है?‌ क्यों आजकल इसकी चर्चा हो रही? जाने वक्फ‌‌ के बारे में बिल्कुल आसान भाषा में।

वक्फ क्या होता है? वक्फ बोर्ड क्या है? वक्फ कानून क्या है? वक्फ कानून का संशोधन कितना सही कितना गलत? आइए जानें.... 

वक्फ क्या है? 

     वक्फ अरबी भाषा से निकला हुआ शब्द है जिसकी उत्पत्ति 'वकुफा' शब्द से हुई है वकुफा का अर्थ होता है ठहरना या रोकना, इसी से बना है 'वक्फ' जिसका अर्थ होता है संरक्षित करना।‌ इस्लाम में वक्फ का अर्थ उस संपत्ति से है जो जनकल्याण के लिए हो। 

    इस्लामी परंपरा में, वक्फ उस संपत्ति या धन को कहते हैं जिसे धार्मिक या परोपकारी उद्देश्यों के लिए दान किया गया है अर्थात जो धर्म के नाम पर अपनी सम्पत्ति को दान में दे उसे वक्फ कहते हैं। 
    वक्फ कोई भी चल या अचल संपत्ति हो सकती है जिसे इस्लाम को मानने वाला कोई भी व्यक्ति धार्मिक कार्यों के लिए दान कर सकता है। इस दान की हुई संपत्ति का कोई भी मालिक नहीं होता है। 'दान की हुई संपत्ति का मालिक अल्लाह को माना जाता है' और इसे संचालित करने के लिए कुछ संस्थान बनाए गए हैं।

वक्फ बोर्ड क्या है? 

      भारत में, वक्फ बोर्ड उन संपत्तियों का प्रबंधन और देखरेख करने वाली संस्था है जो इस्लामी समुदाय द्वारा धार्मिक परोपकारी या जनकल्याण के कार्यों के लिए समर्पित की गई है। अर्थात जो सम्पत्ति धर्म के नाम पर दान की गई है उसका संचालन करने के लिए 'वक्फ बोर्ड' नाम की संस्था बनाई गई है। 

वक्फ बोर्ड कैसे काम करता है? 

  •  जब कोई व्यक्ति अल्लाह या इस्लाम के नाम कोई संपत्ति या पैसा का दान देता है, तो उसकी देखरेख वक्फ बोर्ड करता है।
  • वक्फ बोर्ड इस संपत्ति को शरिया के नियम के मुताबिक निवेश करता है।
  • निवेश से मिलने वाले रिटर्न को शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा, गरीब कल्याण जैसे जनहित के कामों में खर्च किया जाता है।

वक्फ बोर्ड का इतिहास–

    भारत में वक्फ की शुरुआत दिल्ली सल्तनत के दौर से शुरू मानी जाती है। आजादी से पहले मुस्लिम वक्फ मान्यकरण अधिनियम 1913 का उल्लेख मिलता है।

    भारत में वक्फ बोर्ड की स्थापना 1954 में वक्फ अधिनियम के तहत की गई थी। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का उचित प्रबंधन और प्रशासन सुनिश्चित करना था। 
      जवाहरलाल नेहरू सरकार ने वक्फ अधिनियम पारित किया। इसके बाद वक्फ का केंद्रीकरण हुआ। अधिनियम के तहत, सरकार ने 1964 में एक केंद्रीय वक्फ परिषद की स्थापना की। 

     बाद में, 1995 में वक्फ अधिनियम में संशोधन किया गया, जिससे वक्फ बोर्ड की शक्तियों में वृद्धि हुई।
2013 में, यूपीए सरकार ने वक्फ अधिनियम में और बदलाव करके बोर्ड की शक्तियों में बढ़ोत्तरी की। वर्तमान में, देश में एक केंद्रीय वक्फ परिषद और 32 राज्य वक्फ बोर्ड हैं।

वक्फ बोर्ड की शक्तियां–

     1995 वक्फ अधिनियम के अनुसार, यदि वक्फ बोर्ड को ये लगता है कि कोई जमीन वक्फ की संपत्ति है, तो यह साबित करने की जिम्मेदारी उस जमीन के असली मालिक की होती है कि वह वक्फ है या नहीं है। यदि आपकी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित कर दिया गया, तो आप उसके खिलाफ सीधे कोर्ट नहीं जा सकते। आपको वक्फ बोर्ड से ही गुहार लगानी होगी। यदि वक्फ बोर्ड का फैसला आपके खिलाफ आया, तब भी आप कोर्ट नहीं जा सकते। तब आप वक्फ ट्राइब्यूनल में जा सकते हैं। वक्फ एक्ट का सेक्शन 85 कहता है कि ट्राइब्यूनल के फैसले को हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती नहीं दी जा सकती है।

वक्फ बोर्ड संबंधित विवाद के कारण–

    वक्फ बोर्ड को लेकर समय-समय पर विवाद उत्पन्न होने का मुख्य कारण इसके पास असीमित शक्तियों का होना है। कई बार वक्फ बोर्ड पर आरोप लगे हैं कि वे निजी संपत्तियों को वक्फ संपत्ति घोषित कर देते हैं, जिससे संपत्ति मालिकों को कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के मामले भी सामने आए हैं।

वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन –

      वर्तमान सरकार वक्फ बोर्ड की असीमित शक्तियों पर लगाम लगाने के लिए संशोधन विधेयक लाने की तैयारी में है। प्रस्तावित संशोधनों के तहत, वक्फ संपत्तियों का अनिवार्य सत्यापन शामिल है, जिससे संपत्तियों के दुरुपयोग पर रोक लगाने की कोशिश होगी। देश भर में 8.7 लाख से अधिक संपत्तियां, कुल मिलाकर लगभग 9.4 लाख एकड़, वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में हैं। प्रस्तावित संशोधनों के तहत, वक्फ बोर्ड के दावों का अनिवार्य रूप से सत्यापन किया जाएगा। ऐसा ही एक अनिवार्य सत्यापन उन संपत्तियों के लिए भी प्रस्तावित किया गया है, जिनके लिए वक्फ बोर्ड और व्यक्तिगत मालिकों ने दावे और जवाबी दावे किए हैं।

कानून में कुछ नए बदलाव–

     नए बिल के अनुसार, जमीन पर दावा करने वाला व्यक्ति अब ट्रिब्यूनल के अलावा सिविल कोर्ट या हाईकोर्ट में अपील कर सकेगा।     
  • नए बिल के अनुसार, जमीन दान करने के लिए वह उसके नाम पर रजिस्टर्ड होनी चाहिए।
  • अब वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जा सकेगी।
  • जब तक किसी ने वक्फ को दान में जमीन नहीं दी हो। उस पर भले ही मस्जिद बनी हो पर वह वक्फ की संपत्ति नहीं होगी।
  • वक्फ बोर्ड में 2 महिलाओं और अन्य धर्म के 2 सदस्यों को भी एंट्री मिलेगी।

    वक्फ बोर्ड इस्लामी समुदाय की धार्मिक और परोपकारी संपत्तियों के संचालन व प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था है। हालांकि, इसकी असीमित शक्तियों और संपत्ति विवादों के कारण समय-समय पर विवाद उत्पन्न होते रहें, सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधनों का उद्देश्य वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है, जिससे वक्फ की संपत्तियों का सही उपयोग हो सके और संबंधित विवादों का समाधान हो सके। 

Comments

  1. अत्यधिक उच्च गुणवत्ता से युक्त जानकारी व प्रयास....... आप ऐसे ही नित्य समसामयिक मुद्दा पर लिखें, ऐसी मेरी शुभकामनायें 💐

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  2. यह एक तरीके का 'दान' जैसा ही होता है और इसका दानदाता चल या अचल संपत्ति दान कर सकता है. जन कल्याण के लिए जो भी दान कर दिया जाए, उसे संरक्षित करना ही वक्फ है......good social work

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